चेस यानी शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें स्किल, एकाग्रता और बुद्धिमत्ता की बड़ी परीक्षा होती है। ये खेल दो खिलाड़ियों के बीच होता है, जिसमें जो सबसे ज्यादा धैर्यवान और रणनीतिकार होता है, आखिरी में वही विजेता बनकर उभरता है। भारत में ये खेल पौराणिक कथाओं में भी वर्णित है, जो हर युग के सामाज में उल्लेखित रहा है। भारत के इतिहास में गुप्त काल के छठी शताब्दी में भी शतरंज खेल का प्रमाण मिलता है। जहां इसे संस्कृत भाषा में चतुरंगा कहते थे। यही वजह है ये खेल भारत में लोकप्रिय है। हालांकि प्रोफेशनली इस खेल भारत में लोकप्रियता दिलाने वालों में सबसे पहला नाम पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन का आता है। लेकिन इसके बाद इस खेल में कई और नाम भी हैं, लेकिन लोग उन्हें नहीं जानते हैं। आज इस लेख में हम आपकी मौजूदा समय के 5 भारतीय चेस खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं:

विश्वनाथन आनंद
भारत में चेस का मतलब ही विश्वनाथन आनन्द है, ये दिग्गज चेस प्लेयर भारत का पहला ग्रैंडमास्टर और विश्व चैंपियन भी रह चुक है। सन 1988 में आनन्द ने ग्रैंडमास्टर का टाइटल जीता था। उसके बाद साल 2007 में वह वर्ल्ड चैंपियन बने जिसे वह 2012 तक अपने पास बरकरार रखने में कामयाब रहे। साल 2013 में वह इस ख़िताब को हार गए। आनन्द को भारत सरकार ने पद्म विभूषण से भी नवाजा है। वह भारत के नंबर एक चेस प्लेयर हैं।

पेंटाला हरिकृष्णा
चेस ग्रैंडमास्टर पेंटाला ने साल 2001 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप, 2004 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप और 2011 में एशियाई चैंपियनशिप का व्यक्तिगत ख़िताब अपने नाम किया। साल 2016 में दुनिया के शीर्ष 20 चेस खिलाड़ियों में शामिल हो गए थे। मौजूदा समय में वह भारत के दूसरे नंबर के चेस प्लेयर हैं।

अधिबान भाष्करन
भारत के तीसरे नंबर के चेस खिलाड़ी अधिबान भाष्करन ने साल 2008 में वर्ल्ड अंडर-16 चैंपियनशिप का ख़िताब जीता था। इसके साल भर बाद अधिबान ने इंडियन चैंपियन शिप भी अपने नाम कर लिया था। साल 2014 में वह बील चेस फेस्टिवल में मास्टर्स ओपन टूर्नामेंट का ख़िताब जीता। इसके अलावा साल 2016 में अधिबान ने टाटा स्टील्स चैलेंजर्स का भी ख़िताब जीता।

कृष्णन शशिकिरण
कृष्णन शशिकिरण भारत चौथे सबसे बेहतरीन चेस खिलाड़ी हैं। उन्होंने साल 2000 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में ग्रैंडमास्टर का टाइटल हासिल किया। कृष्णन ने चार बार 1999, 2002, 2003 और 2013 में भारतीय चेस चैंपियनशिप अपने नाम किया है। 1999 में उन्होंने एशियाई जूनियर चेस चैंपियनशिप का ख़िताब जीता था। इसके अलावा 2006 में कृष्णन ने टीम इवेंट में एशियाई खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम योगदान दिया। साल 2002 में उन्हें भारत सरकार ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया।

विदित संतोष गुजराती
विदित साल 2013 में 18 वर्ष की उम्र में ग्रैंडमास्टर बने थे। इसके अलावा 2006 में अंडर-12 एशियाई यूथ चैंपियनशिप में उन्हें दूसरा स्थान मिला। साल 2008 में विदित ने सब-जूनियर केटेगरी में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप का ख़िताब भी जीता है। इसके अलावा सा 2013 में वर्ल्ड जूनियर चेस चैंपियनशिप के अंडर 20 केटेगरी में विदित ने कांस्य पदक भी जीता है। मौजूदा समय में वह भारत के 5 वें सबसे बेहतरीन चेस प्लेयर हैं।