CHAPTER-01[ विधुत आवेश एवम विधुत क्षेत्र]
CLASS -12TH के भोतिक विज्ञान के CHAPTER – 01 विधुत आवेश एवम विधुत क्षेत्र में से कम से कम 2 प्रश्न अवश्य आते है जिनमे से आपको 3 या 5 अंक आसानी से मिल जाते है 1
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Toggleअत: आपसे एक सलाह दी जाती है , की आप हमारी वेबसाइट FUTURE ZONE ACADEMY से इस पथ के अच्छे से नोट्स बनाये और उन्हें ध्यान से पढ़े ताकि आप अच्छे से अंक अपनी परीक्षा में प्राप्त कर सके 1
CHAPTER-01 PART-01 [NOTES]
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CLASS :- 12TH
PHYSICS CH -01 PART-01
UNITE- 01
NAME- स्थिर वैधुतिकी [ STATIC ELECTRICITY ]
CHAPTER-01
NAME – विधुत आवेश एवम विधुत क्षेत्र
# 1 :- स्थिर विधुत विज्ञान:-
भोतिक विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत उन वस्तुओ का अध्ययन किया जाता है जिन पर आवेश स्थिर रहता है, स्थिर विधुत विज्ञान कहलाती है
#2 :- विधुत आवेश :-
द्रव्य का वह गुण जिसके कारण वह आकर्षण व् प्रतिकर्षण का गुण उत्पन करता है विधुत आवेश कहलाता है
#3:- विद्युत आवेश के प्रकार :-विद्युत आवेश दो प्रकार का होता है एक धन आवेश दूसरा ऋण आवेश इसकी खोज सर्वप्रथम बेंजामिन फ्रैंकलिन ने की थी1
#4:- विद्युत आवेश के गुण:- विद्युत आवेश में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं
1):- आकर्षण एवं प्रतिकर्षण:- सजातीय आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। जबकि विजाती आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते हैं
2):- आवेश का संरक्षण:- इस नियम अनुसार आवेश को ने तो उत्पन्न किया जा सकता हैं और न ही नष्ट किया जा सकता है परंतु एक वस्तु से दूसरी वस्तु पर स्थानांतरित किया जा सकता है
3):- वेग का प्रभाव :-विद्युत आवेश पर वेग का किसी भी प्रकार से प्रभाव नहीं पड़ता है 1
4):- आवेश की योज्यता:- किसी निकाय का कुल विद्युत आवेश उसके विभिन्न अवयवयी कणों पर उपस्थित भिन्न-भिन्न आवेशों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है 1
5):- आवेश का क्वान्टीकरण :- प्रकृति में आवेश सदैव एक निश्चित न्यूनतम मान के पूर्ण गुणज के रूप में उत्पन्न होता है इसे आवेश का क्वांटीकरण कहते हैं और इस न्यूनतम आवेश को मूल आवेश कहते हैं इसे e प्रदर्शित करते हैं अर्थात q = ne जहां q आवेश n प्राकृतिक संख्या और e मूल आवेश है e का मान 1.6×1019 होता है
#5:- आवेशन की विधियां:- किसी चालक के आवेदन की निम्नलिखित तीन विधियां होती हैं
1):- चालन विधि:- इस विधि में आवेशित वस्तु को अन आवेशित वस्तु के संपर्क में लाकर अन आवेशित वस्तु को आवेशित किया जाता है इसलिए इसमें दोनों वस्तुओं पर समान प्रकृति का आवेश आता �
2):- प्रेरण विधि :-इस विधि में आवेशित वस्तु को अन आवेशित वस्तु के पास में रखकर अन आवेशित वस्तु को पृथ्वी के संपर्क में लाया जाता हैं जिसके फलस्वरूप अन आवेशित वस्तु विपरीत प्रकृति के आवेश से आवेशित हो जाती है1
3:- घर्षण विधि :-इस विधि में किन्हीं दो वस्तुओं को परस्पर घर्षित किया जाता है जिसके फलस्वरूप यह दोनों विपरीत आवेश से आवेशित हो जाती हैं ।
#6:- कूलाम का नियम :-इस नियम के अनुसार दो स्थिर बिंदु आवेशों के बीच सदैव एक वैद्युत बल कार्य करता हैं जो उन दोनों आवेशों के परिमाणो के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और उन दोनों आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होते हैं अर्थात
CHAPTER-01 PART-02 [NOTES]
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CLASS 12th
PHYSICS CH-01 PART -02
#7:-आपेक्षिक विद्युतशीलता:- किसी माध्यम की विद्युतशीलता तथा निर्वात की विद्युतशीलता का अनुपात आपेक्षिक विद्युतशीलता कहलाता है1 इसे एप्स लाइन और(εr) से प्रदर्शित करते हैं1 अर्थात
εr = ε/ε0
#8:-कूलाम के नियम का सदिश रूप:- मानचित्र अनुसार दो बिंदु आवेश q1 व q2 है जो मूल बिंदु से क्रमानुसार r1 व r2 स्थिति पर है
क्योंकिq2 के सापेक्ष सदिश r21 है तो
r21 = r2-r1
कूलाम के नियम अनुसार q2 पर आवेश q1 के कारण बल
F21=k(q1q2/r21^2)r21^
इसी प्रकार आवेश q1 पर आवेश q2 के कारण बल
F12=k(q1q2/r12^2)r12^
इससे स्पष्ट है कि
F12 =-F12
अर्थात दोनों आवेशों पर लगने वाला बल परस्पर समान परंतु विपरीत दिशा में होता है1 अर्थात कूलाम बल न्यूटन के तृतीय नियम का पूर्ण रूप से पालन करता है1
#9:-बल के लिए अध्यारोपण का सिद्धांत:- किसी एक स्थिर आवेश पर निकाय के अन्य स्थिर आवेशों के कारण लगने वाला परिणामी बल उस पर निकाय के प्रत्येक आवेश के कारण लगने वाले अलग-अलग बलों के सदिश योग के बराबर होता है इसे बल के लिए अध्यारोपण का सिद्धांत कहते हैं 1
#10:-सतत आवेश वितरण:- विविक्त आवेशों को एक समान रूप से वितरित करने की प्रक्रिया सतत आवेश वितरण कहलाती है यह सामान्य तीन प्रकार की होती है
1)- रेखिक आवेश वितरण 2)- पृष्ठ पर आवेश वितरण 3) आयतन वितरण पर आवेश वितरण
2)- यह खुला वक्र बनती है 1
3)- दो विद्युत बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को नहीं कटती क्योंकि यदि ऐसा होते हैं तो कटान बिंदु पर दो स्पर्श रेखाएं खींची जा सकती हैं जो दो अलग-अलग विद्युत क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करेंगी जो की असंभव है1
4)- यदि किसी विद्युत बल रेखा पर स्पर्श रेखा खींची जाती है तो स्पर्श रेखा विद्युत क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती हैं1
5)-सघन विद्युत क्षेत्र में विद्युत बल रेखाएं पास पास होती हैं जबकि विरल विद्युत क्षेत्र में विद्युत बल रेखाएं दूर दूर होती हैं
6)-चालक में विद्युत बल रेखाएं नहीं पाई जाती1
#14:-विद्युत बल रेखाएं खींचना:-
CHAPTER-01 PART-03 [NOTES]
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CLASS 12th
PHYSICS CH-01 PART -03
#17:- विद्युत् द्विध्रुव :-एक एसा निकाय जिसमे दो समान एवं विपरीत प्रकति के आवेश एक दुसरे से अल्प दुरी पर स्थित हो विद्युत् द्विध्रुव कहलाता है जैसे :- H Cl , HBr , CO आदि
#19 :- – विद्युत् द्विध्रुव के कारन विद्युत क्षेत्र की तीर्वता :- इसके कारन तीन स्थितियों में वद्युत क्षेत्र ज्ञात किया जाता है जो निम्न है :-
1: – अक्षीय स्थिति में
2:-निर्क्षीय स्थिति में
3:- किसी भी स्थिति में
1: – अक्षीय स्थिति में विद्युत् द्विध्रुव के कारन विद्युत क्षेत्र की तीर्वता:-
CHAPTER-01 PART-04 [NOTES]
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CLASS :- 12TH
PHYSICS CH -01 PART-04
UNITE- 01
NAME- स्थिर वैधुतिकी [ STATIC ELECTRICITY ]
#20:-एक समान वद्युत क्षेत्र में द्विधुर्व पर बल युग्म आघूर्ण :– मन एक द्विधुर्व को एक् समान वद्युत क्षेत्र में θ कोण बनाते हुए रखा गया है तब इस पर चित्र अनुशार बल कार्य करते है जिसके कारण इस पर बल युग्म लगता है