chpater-02 [ अम्ल , क्षार एवं लवण ]
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CHAPTER-02 PART-01 [NOTES]
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Science ch 02 part 01
#1:-अम्ल :- वे पदार्थ अम्ल होते हैं जिनका स्वाद खट्टा होता हैं और जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं जैसे हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl)सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) नाइट्रिक अम्ल (HNO3) आदि
#2:- आर्हिनियस के अनुसार अम्ल की परिभाषा :- इस वैज्ञानिक के अनुसार वे अम्ल होते है जो जल में विलीन होने पर हाइड्रोजन आयन देते हैं जैसे:-
HCl ————–> H + + Cl –
HNO3 —————-> H+ + NO3 –
#3:- क्षार :- क्षार वे पदार्थ होते हैं जिनका स्वाद कड़वा होता है और जो लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं जैसे:- सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH ) पोटेशियम हाइड्रोक्साइड (KOH ) कैल्शियम हाइड्रोक्साइड (Ca(OH)2 ) आदि
#4:- आर्हिनियस के अनुसार क्षार की परिभाषा:- इस वैज्ञानिक के अनुसार क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जल में विलीन होने पर हाइड्रोक्सी आयन (OH – ) देते हैं जैसे:-
NaOH ——————–> Na+ + OH-
KOH—————————-> K+ + OH- आदि
#5:- अम्ल व क्षार की धातु के साथ अभिक्रिया:- धातु अम्ल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस विस्थापित करती है और लवण योगिक बनाती है ठीक इसी प्रकार क्षार भी धातु के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस विस्थापित करते हैं और लवण बनाते हैं अर्थात
अम्ल + धातु ————-> लवण + हाइड्रोजन
क्षार + धातु ————> लवण +हाइड्रोजन
जैसे :-
Zn +2HCl —————> ZnCl2 + H2
2NaOH + Zn ——————–> Na2ZnO2 + H2
#6:- धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अम्ल की अभिक्रिया:- धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अमल अभिक्रिया करके लवण , जल और कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं अर्थात
धातु / धातु कर्बोनेट + अम्ल ——————> लवण + जल +कार्बन डाइऑक्साइड
जैसे:-
Na2CO3 + 2HCl —————-> 2NaCl + H2O + CO2
#7:- अम्ल व क्षार की परस्पर अभिक्रिया:- अम्ल व क्षार की परस्पर अभिक्रिया कराने पर लवण व जल बनते हैं ऐसी अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती हैं
अर्थात:- अम्ल + क्षार ————–> लवण + जल
जैसे :- HCl + NaOH ————> NaCl + H2O
HNO3 + KOH ————KNO3 + H2O
#8:-अम्ल की धातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया है:- अम्ल धातु ऑक्साइड से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं
अर्थात :- अम्ल + धातु ऑक्साइड ———-> लवण + जल
जैसे:- 2HCl + ZnO ————-> ZnCl2 + H2O
#9:- क्षारो की अधातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया:- क्षार अधातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं अर्थात :-
अम्ल + अधातु ऑक्साइड ———-> लवण + जल
जैसे :- 2HCl +CO2 ————> COCl 2 + H2O
#10:- pH स्केल:- रासायनिक वैज्ञानिक सोरेनसन ने अम्ल व क्षार की प्रबलता को नापने के लिए एक पैमाना तैयार किया जिसे pH स्केल कहते हैं इसका निम्नतम मान 0 होता है और अधिकतम मान 14 होता है और 0 से लेकर 7 तक pH मान वाले पदार्थों का प्रभाव अम्लीय होता हैं जबकि 7 से लेकर ऊपर वाले 14 तक के पदार्थों का प्रभाव क्षारीय होता है अर्थात
#11:- दैनिक जीवन में पीएच का महत्व:-pH स्केल के आधार पर अनेक पदार्थों के जीवन का पता लगाए जा सकता हैं जैसे यदि मुंह का pH मान 5.5 से कम हो जाए तो दांत टूट कर गिरने लगते हैं अर्थात दांतो का जीवन समाप्त होने लगता है इसी प्रकार जीवो के अंदर 7 से 7.8 pH मान होता है यदि इससे कम हो जाए या अधिक हो जाए तो उसका जीवन संभव नहीं हो पाता इसका एक और उदाहरण मिट्टी का pH लिया जा सकता है क्योंकि अगर मिट्टी का pH मान 5. 5 से 7.5 तक की परास का होता है तो कम या अधिक मान पौधों की पैदावार के लिए सही नहीं होता इसके लिए इतना ही मान सही होता है अगर इससे अधिक हो जाए तो फसल अच्छी पैदावार नहीं देती है
इससे स्पष्ट है कि pH कितना महत्व हमारे दैनिक जीवन में रखता हैं
#12:- लवण:- अम्ल व क्षार के बीच उदासीनीकरण अभिक्रिया के उत्पाद को लवण कहते हैं
जैसे:- सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाईड्रोजन क्लोराइड के साथ अभिक्रिया होने पर सोडियम क्लोराइड एक लवण प्राप्त होता है अर्थात :-
HCl + NaOH —————> NaCl + H2O
लवण जल
#13:- लवणों के प्रकार:- लवण अनेक प्रकार के होते हैं परंतु इस कक्षा में निम्न प्रकार के लवणों का अध्ययन करेंगे-
1) साधारण लवण:- इसे सामान्य लवण भी कहते हैं जब किसी अम्लीय अणु में से सभी हाइड्रोजन परमाणु धातु आयन द्वारा विस्थापित कर दिए जाते हैं तो उत्पन्न लवण सामान्य लवण अर्थात साधारण कहलाते हैं जैसे :- NaCl CaCl2 KCl आदि
2) अम्लीय लवण:- वे लवण अम्लीय लवण कहलाते हैं जो अम्लीय अणु में धातु आयन द्वारा आयनित हाइड्रोजन परमाणु को आंशिक रूप से विस्थापित करके बनते हैं
जैसे – NaHSO4 , NaHCO3 , आदि
CHAPTER-02 PART-02 [NOTES]
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Science ch -02 part- 02
#:- क्षारकीय लवण :- वह लवण जिसमे हाइड्रॉक्सिल समूह उपस्थित होते है क्षारकीय लवण कहलाते है जैसे :- Pb(OH)Cl , CuCO3.Cu(OH)2 आदि
#:- संकर लवण :- वे लवण जो विलयन में डालने पर वियोजित नही होते अर्थात आलग आलग आयन के गुण प्रदर्शित नही करते है 1 जैसे :- फिटकरीयां
नोट:- फिटकरी का सूत्र – FeSO4.Al2(SO4)3.24H2O होता है
#:- साधारण नमक :- इसे सोडियम क्लोराइड के नाम से जाना जाता है आमतोर पर इसे टेबल साल्ट से भी पुकारते है इसका रासायनिक सूत्र NaCl होता है
इसे उदासिनिक्र्ण अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है अर्थात जब HCl व NaOH की अभिक्रिया की जाती है तब यह बनता है इसे सामान्यत: समुद्र से ही प्राप्त करते है इसलिए इसे खनिज लवण भी कहते है
# :- साधारण नमक के प्रमुख गुण :- इसके निम्नलिखित गुण है –
1:- यह एक रंगहीन क्रिष्ट्लीय पदार्थ है
2:- यह जल में विलय होते है
3:- इसका स्वाद नमकीन होता है
#:- रासायनिक गुण :-
1:- अम्लो से अभिक्रिया :- अम्लो से अभिक्रिया करके यह अम्ल ही बनता है जैसे :-
NaCL + H2SO4 ——–> NaHSO4 + HCL
2:- अमोनिया के साथ अभिक्रिया :- अमोनियम क्लोराइड बनता है –
NaCl + NH3 +CO2 + H2O ——–> NaHCO3 + NH4Cl
3:- रेत से अभिक्रिया :- यह रेत से अभिक्रिया करके सोडियम सिलिकेट बनता है
#:- उपयोग :-
1:- भोजन बनाने में
2:- मिटटी के बर्तनों में पोलिश चढ़ने में
3:- मांस , वगेरह को संरक्षित करने में
४:- साबुन के निर्माण में
#:- विरंजक चूर्ण :- इसे ब्लीचिंग पाउडर के नाम से भी जाना जाता है इसका रासायनिक सूत्र – CaOCl2 या Ca(OCl)Cl होता है
निर्माण विधि :- जब शुष्क बुझा हुआ चुना क्लोरीन गैस के साथ अभिक्रिया करता है तो विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है –
Ca(OH)2 + Cl2 ————> CaOCl2 + H2O
गुण :-
भोतिक गुण:- 1:- यह हल्के पीले रंग का चूर्ण होता है
2:- इससे क्लोरीन गैस की विशेष गंध आती है
3:- यह जल में घुलने पर धुधिया हो जाता है
रासायनिक गुण :- 1:- जल के साथ अभिक्रिया :- यह जल के साथ अभिक्रिया करके क्लोरीन गैस देता है
CaOCl2 + H2O —————> Ca(OH)2 + Cl2
2:- ऊष्मा का प्रभाव :- गर्म करने पर यह अपघटित हो जाता है –
2CaOCl2 ———> 2CaCl2 + O2
3:- अम्लो से क्रिया :- अम्लो से क्रिया करके ये सामान्यत: क्लोरीन गैस देते है
CaOCl2 +H2SO4 —————–> CaSo4 + H2O + Cl2
उपयोग:- 1:- वस्त्र उधोग में
2:- प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में
3:- पिने वाले जल के अनुओ को माँरने में
CHAPTER-02 PART-03 [NOTES]
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Science ch -02 part- 03
#:- बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट :- इसे आमतोर पर घरो में रसोई के अंदर उपयोग किया जाता है खाने को शीघ्रता से पकाने में दूध को फटने से रोकने में आदि इसका रासायनिक सूत्र NaHCO3 होता है और इसका रासायनिक नाम सोडियम बाई कार्बोनेट होता है
निर्माण विधि :- बेकिंग सोडे का निर्माण सोडियम क्लोराइड की कार्बन डाई ऑक्साइड की परस्पर अभिक्रिया द्वारा किया जा सकता है –
NaCl+ H2O + CO2 +NH3 —————> NH4Cl + NaHCO3
इसे सोडियम कार्बोनेट से भी बनाया जा सकता है –
Na2CO3 + H2O + CO2 —————> 2NaHCO3
गुण :-
भोतिक गुण :- इसमें निम्नलिखित भोतिक गुण पाए जाते है –
1:- यह सफेद क्रिष्ट्लीय पदार्थ है
2:- यह जल में अल्प मात्रा में विलय है
3:- इसका विलयन क्षारीय होता है
४:- इसे कच्चे दूध में मिलाने से दूध देर से फटता है
रासायनिक गुण :- इसमें निम्न लिखित रसायनिक गुण पाए जाते है –
1:- ऊष्मा से अभिक्रिया :- सोडियम अर्बोनेट में अपघटित हो जाता है –
2NaHCO3 ——–> Na2CO3 + H2O +CO2
2:- अम्लो से अभिक्रिया :- यह तनु अम्लो से अभिक्रिया करके जल व लावन बनता है –
NaHCO3 + HCl ——-> NaCl + H2O + CO2
उपयोग :- इसके निम्न लिखित उपयोग है –
1:- खाध्य पदार्थो में स्वाद उत्त्पन्न करने में
2:- पेट की उदासीनता को बनाने में
3:- दूध को फटने से रोकने में
४:- अग्निशामक के रूप में
#:- धवन सोडा या सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट :- यह एक एसा रासायनिक पदार्थ है जिसका उपयोग कपडो की धुलाई करने में किया जाता है इसका रसायनिक सूत्र -Na2Co3.10H2O होता है और इसका रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट डेका हाइड्रेट होता है
निर्माण विधि :- इसका निर्माण सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट से किया जा सकता है –
2NaHCO3 ——————> Na2CO3 + H2O + CO2
Na2CO3 + 10 H2O —————> Na2CO3.10H2O
गुण:-
भोतिक गुण :- यह निम्नलिखित भोतिक गुण प्रदर्शित करता है
1;- यह एक गंध हिन् सफेद क्रिष्ट्लीय पदार्थ होता है
2:- यह जल में पूर्ण रूप से विलय है
3:- इसे शुष्क वायु में रखने से जल के अणु निकल जाते है
रासायनिक गुण :-यह निम्नलिखित रासायनिक गुण प्रदर्शित करता है
1:- ऊष्मा का प्रभाव :- गर्म करने पर यह जल के अणु को छोड़ देता है अर्थात इसका निर्जलिकरण हो जाता है Na2CO3.10H2O —————->Na2CO3 + 10H2O
2:- कार्बन डाई ऑक्साइड से अभिक्रिया :- यह इससे अभिक्रिया करके सोडियम बाई कार्बोनेट बनता है
Na2CO3+ H2O + CO2 ————-> 2NaHCO3
3:- अम्लो से अभिक्रिया :- यह अम्लो से अभिक्रिया करके लवण व जल देता है
Na2CO3 + H2SO4 —————> Na2SO$+ H2O + CO2
उपयोग:- इसके निम्नलिखित उपयोग है –
1:- साबुन व कागज के निर्माण में
2:- बोरेक्ष के निर्माण में
3:- कपड़ो की धुलाई में
४:- जल की स्थाई कठोरता को हटाने में
#:- प्लास्टर ऑफ़ पेरिश :- इसका रासायनिक सूत्र CaSO4.1/2H2O होता है और इसका रासायनिक नाम कैल्सियम सलफेट हेमी हाइड्रेट होता है
निर्माण विधि :- इसका निर्माण जिप्सम से किया जाता है –
CaSO4.2H2O—————–> CaSO4.1/2H2O + 3/2H2O
उपयोग :- इसके निम्न लिखित उपयोग है
1:- खिलोने बनाने में
2:- सजावट के सामान के निर्माण में
3:- टूटी हुई हड्डियों के उप्पर पलस्तर चढाने में
4 :- सीमेंट बनाने में
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